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आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी का सीधा असर आपकी नींद पर पड़ता है। काम का तनाव, मोबाइल और लैपटॉप का ज़्यादा इस्तेमाल, साथ ही लगातार मानसिक तनाव, कई लोगों की नींद उड़ा देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार नींद की कमी न सिर्फ़ थकान और सिरदर्द का कारण बन सकती है, बल्कि दिल की गंभीर समस्याओं को भी न्योता दे सकती है? जानिए।
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी सिंह के अनुसार, "नींद हमारे शरीर के लिए दवा की तरह है। नींद के दौरान शरीर मरम्मत की अवस्था में चला जाता है और हार्मोन्स का संतुलन बहाल होता है।" यानी अच्छी नींद तन और मन के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।
जब शरीर को पर्याप्त नींद नहीं मिलती, तो शरीर में कई जैविक परिवर्तन होते हैं। नींद की कमी से रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। तनाव हार्मोन बढ़ जाते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा दोगुना हो सकता है। नींद की कमी से रक्त शर्करा का स्तर बिगड़ जाता है। फिर मधुमेह और फिर दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
नींद की कमी का पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लगातार थकान, सिरदर्द, एकाग्रता की कमी, मोटापा, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी और बार-बार सर्दी-ज़ुकाम होना, ये सभी नींद की कमी के कारण हो सकते हैं।
स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए कुछ आदतों को बदलने की ज़रूरत है। रोज़ाना एक निश्चित समय पर सोना और जागना, सोने से पहले मोबाइल, टीवी या लैपटॉप का इस्तेमाल न करना, हल्का व्यायाम और योग करना, रात में हल्का और पौष्टिक आहार लेना और सोने से पहले ध्यान या शांत संगीत सुनना आपको बहुत फ़ायदा पहुँचाएगा।
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